आदर्श विद्यार्थी पर निबंध | Essay on Ideal Student in Hindi | Adarsh Vidyarthi par Nibandh Hindi me | 2021

आदर्श-विद्यार्थी-पर-निबंध

आदर्श विद्यार्थी 

पर निबंध 


भूमिका

विद्यार्थी का अर्थ होता है- विद्या ग्रहण करने वाला। विद्यार्थी जीवन मनुष्य का सबसे सुंदर महत्वपूर्ण भाग कहा जा सकता है। महात्मा गांधी कहा करते थे, "शिक्षा ही जीवन है"। इसके समक्ष सभी धन पीके है। विद्या के बिना मनुष्य कंगाल बन जाता है, क्योंकि विद्या का ही प्रकाश जीवन कोआलोकिक करता है। या तो मनुष्य जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है, किंतु नियमित अध्ययन के लिए यही अवस्था उपयुक्त है।

अच्छी आदतें

आदर्श विद्यार्थी प्रातः काल उठकर शौच आदि से निवृत्त होकर घूमने जाता है। वह खुले स्थान में व्यायाम करता है। वहां से लौटकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनता है। ठीक समय पर विद्यालय पहुंचता है। वह सभी अध्यापकों का आदर करता है और पढ़ाई में ध्यान लगाता है।

महत्वपूर्ण अवस्था

वह यह अवस्था है जिस से अच्छे नागरिकों का निर्माण होता है। आदर्श विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहता है। मन और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है। आदर्श विद्यार्थी नियमित रूप से व्यायाम करता है।  वह काम के समय काम करता है और खेल के समय खेलता है।

उच्च विचार

आदर्श विद्यार्थी "सदा जीवन उच्च विचार " में विश्वास रखता है। वह कभी फैशन के चक्कर में नहीं पड़ता। वह सदाचार और स्वालंबन के आदर्शों को अपने जीवन में उतारता है। महान बनने के लिए महत्व कांक्षा भी आवश्यक है। विद्यार्थी अपने लक्ष्य में तभी सफल हो सकता है जबकि उसके हृदय मैं महत्वाकांक्षा की भावना हो। ऊपर दृष्टि रखने पर मनुष्य ऊपर ही उठता है।

समाज के प्रति कर्तव्य

आदर्श विद्यार्थी समाज के प्रति कर्तव्य का पालन करने में कभी पीछे नहीं रहता। वह निर्धनों की सहायता करता है। ‌वह किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ से दूर रहता है। उसका दृष्टिकोण रचनात्मक होता है। वह अनुशासनप्रिय होता है। उनका व्यवहार प्रशंसनीय होता है। वह सब के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाता है।

उपसंहार

आदर्श विद्यार्थी विनम्र, अनुशासन प्रिय, जिज्ञासु आदि गुणों से संपन्न होना चाहिए। विद्या हमें विनम्रता का पाठ पढ़ाती है। अतः हम कह सकते हैं कि आदर्श विद्यार्थी मानवीय गुणों से युक्त एवं संयमित जीवन बिताने वाला होता है।



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