खेलों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Sports in Hindi | Khelo Ka Mahatva par Nibandh | 2021

खेलों का महत्व पर निबंध


खेलों का महत्व पर निबंध


भूमिका 

मानव जीवन में खेलों का बहुत महत्व है। बचपन से ही वह किसी न किसी खेल में व्यस्त रहता है। प्रारंभ में वह अपने मनमाने खेल खेलता है जिनके कोई नियम व साधन नहीं होते हैं। ज्यों-ज्यों वह बड़ा होने लगता है, वह नियमित खेलों में भाग लेने लगता है। जब वह मैदान में बड़े बच्चों को खेलते देखता है तो उसके मन में भी खेलने की इच्छा पैदा होने लगती है। इसलिए खेल मानव जीवन के लिए नितांत आवश्यक है।

खेल स्वास्थ्य वृद्धि के लिए आवश्यक

खेलों से मानव का शारीरिक व मानसिक विकास होता है‌। खेलने से मांस पेशिया मजबूत होती हैं तथा रक्त-प्रवाह भी तेज हो जाता है। पाचन शक्ति बढ़ती है, अस्थियाँ मजबूत होती हैं, शरीर के अनावश्यक पदार्थ पसीना बनकर बाहर निकल जाते हैं, त्वचा स्वस्थ रहती है, भूख बढ़ती है तथा शरीर का गठन भी सुडौल व सुंदर होता है। मानव को स्वास्थ्य के प्रति सदैव सचेत रहना चाहिए। जिसने नियमित खेलना सीख लिया, जीवन में नियमित प्रातः भ्रमण करना सीख लिया उसने सब सीख लिया। खेलने से प्रसन्नता का अनुभव होता है। 

खेल मनोरंजन के लिए 

खेल से न केवल हमारा मानसिक तनाव दूर होता है बल्कि हमारा मनोरंजन भी होता है। यदि किसी मैदान में किसी खेल का आयोजन होता है तो वहाँ दर्शकों का तांता लग जाता है। जिन खेलों का प्रसारण किया जाता है उनको लोग अपने दैनिक कार्यों को छोड़कर देखने लग जाते हैं। यह सब मनोरंजन के लिए होता है। खेल से खिलाड़ी वह दर्शक तथा श्रोता का मनोरंजन होता है।

खेल यश व मान प्राप्ति के लिए 

खेल धन और यश अर्पित करने में सहायता प्रदान करता है। खेलों से खिलाड़ी को मान प्राप्त होता है। खेल के मैदान में खेलता हुआ खिलाड़ी सभी दर्शकों का प्रिय पात्र बन जाता है। खिलाड़ी चाहे किसी भी स्तर पर खेलता हो, हर जगह उसका मान‌ व यश बढता है। खिलाड़ी खेल स्पर्धाओं को जीतकर जीवन में यश, कीर्ति व धन अर्जित कर रातों-रात प्रसिद्धि प्राप्त करता है। वह अपने शहर, प्रांत, संस्था व देश के मान व यश को बढ़ाने में सक्षम होता है। एक खिलाड़ी से हर व्यक्ति मिलना चाहता है। 

अनुशासित जीवन

जीवन में अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है। खेल एक खिलाड़ी को अनुशासित जीवन में ढाल देता है। खेल को नियम व अनुशासन से खेलना पड़ता है। हारने पर भी खिलाड़ी निराश वह दुःखी नहीं होता है अपितु खुश रहता है। इन बातों से उसमें स्वाभाविक अनुशासन आ जाता है। 

उपसंहार 

खेलों को अधिक महत्व देकर हमें खेलों में रुचि लेनी चाहिए तथा सरकार को भी खेलों को बढ़ावा देना चाहिए।


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