परोपकार पर 10 लाइन
- परोपकार का हमारे जीवन में बहुत महत्व है।
- परोपकार का अर्थ होता है - दूसरों की भलाई करना।
- दूसरों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही परोपकार की श्रेणी में आता है।
- प्रकृति के सारे कार्य निःस्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई के लिए होते हैं - जैसे पेड़ निःस्वार्थ भाव से हमें फल खिलाता है, नदी पानी पिलाती है, धरती विविध रूप से अन्न देती है, उनमें कोई स्वार्थ नहीं होता।
- परोपकार के लिए अपने स्वार्थ का बलिदान करना आवश्यक है।
- जिस कार्य में स्वार्थ छिपा हो उसे परोपकार नहीं कहा जा सकता ।
- परोपकार से बढ़कर संसार में कोई धर्म नहीं है।
- दूसरों को सताने से बढ़कर संसार में कोई पाप नहीं है।
- ऋषि दधीचि ने तो परोपकार के लिए अपनी अस्थियाँ तक दान में दे दी थी।
- संसार में सबसे बड़ा आदमी वही है जो दूसरों की भलाई करता है।
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