मेरा प्रिय अध्यापक
अध्यापक राष्ट्र का निर्माता होता है और वह छात्र के भविष्य का भाग्य विधाता भी होता है। छात्र जब विद्यालय में प्रवेश करता है तब वह विभिन्न अध्यापकों के संपर्क में आता है। सभी अध्यापक उसको बड़े प्यार से शिक्षा देते हैं। उसके हित की बात कहते हैं। मेरे जीवन में भी कई अध्यापक आयें। मैं उन सब का ऋणी हूँ। लेकिन मैं सबसे अधिक प्रभावशाली दीपक शर्मा से हूँ। वे मेरे प्रिय अध्यापक है।
मेरे प्रिय अध्यापक दीपक शर्मा हैं। वे हमें हिंदी पढ़ाते हैं और साथ ही वे हमारे कक्षा के अध्यापक हैं। वे विद्यालय के निकट कालोनी में रहते हैं। उनका स्वभाव सबके लिए अत्यंत मधुर है। उनकी वाणी इतनी मधुर है कि वह जादू सा असर करती है। एक बात बार-बार पूछने पर भी वह उसको प्यार से समझाते हैं।
दीपक शर्मा को संगीत का बड़ा शौक है। वे खेलकूद में भी रुचि रखते हैं। वे “सादा जीवन उच्च विचार” में विश्वास रखते हैं। उन्हें भारतीय वेश-भूषा ही पसंद है। वे प्रभावशाली वक्ता हैं। उनके भाषणों को प्रत्येक छात्र व अध्यापक बड़ी रुचि से सुनते हैं।
दीपक शर्मा की अध्यापन शैली इतनी आकर्षक व प्रभावशाली है कि प्रत्येक छात्र तल्लीन हो जाता है। वह अपनी बात को छात्र के विभाग में अच्छी प्रकार डालने में सफल होते हैं। उनकी वाणी में जादू है। उनके पढ़ाते समय सभी छात्र मंत्र- मधुर हो जाते हैं। कोई भी ऐसा छात्र नहीं जो उनकी बात को न समझ सके। मैंने अपनी उत्तम शिक्षा शैली में ऐसा अध्यापक आज तक नहीं देखा।
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